गाता गुणगान करा जन जन ने ये बात बताई रे मटकी....... गाता गुणगान करा जन जन ने ये बात बताई रे मटकी.......
देखो मटकी पे मटकी कन्हैया दरिया खटकी तो खट हे समाये देखो मटकी पे मटकी कन्हैया दरिया खटकी तो खट हे समाये
अज्ञानी क्रोधी बेचैन लोभी शायद गुणों में कुछ कंस मामा से हैं। अज्ञानी क्रोधी बेचैन लोभी शायद गुणों में कुछ कंस मामा से हैं।
अब फिर से दिखला दो अपनी लीला खत्म करो यह भ्रष्टाचार, युगों युगों से कर रहे हमसब तुम्हारा इंतजार ... अब फिर से दिखला दो अपनी लीला खत्म करो यह भ्रष्टाचार, युगों युगों से कर रहे ह...
आजा झलक दिखा जा तुझ संग हम भी भीग ले कितनी प्यारी यह रुत है कन्हैया आ जा अब तो आ जा तड़प रहे है... आजा झलक दिखा जा तुझ संग हम भी भीग ले कितनी प्यारी यह रुत है कन्हैया आ जा अब ...
छोटी सी जगह मुझको भी दे दे भटक रही हूँ बिना तेरे दर्शन। छोटी सी जगह मुझको भी दे दे भटक रही हूँ बिना तेरे दर्शन।